समाधिस्थ जैनाचार्य श्री तरुणसागरजी के समाधि की मिट्टी भेजी अयोध्या.. तरुण सागरजी देश के पहले संत हैं जिनकी समाधि की मिट्टी राम मंदिर के भूमिपूजन मे रखी जाएगी : जैन संत पर्वसागर👇🏾
सर्वविदित है कि 450 से भी अधिक वर्षों की प्रतीक्षा के पश्चात राम जन्मभूमि पर विशालकाय मंदिर का निर्माण हो रहा है जिसका शिलान्यास 5 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की द्वारा किया जाएगा।
राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट की ओर से निवेदन किया गया कि सभी धर्मों के पावन क्षेत्रों की रज (मिट्टी),पानी उस शिलान्यास स्थल पर पहुंचे। इनसे विशालकाय मंदिर का निर्माण सुंदत्तम तरीके से हो सके। इसी श्रंखला में मालवा प्रांत के अखिल भारतीय विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अपने साथियों के साथ पुष्पगिरी तीर्थ पहुंचे
जहां पर विराजमान परम पूज्य पुष्पगिरी तीर्थ प्रणेता गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज, परम पूज्य संस्कार प्रणेता ज्ञान योगी गुरुदेव सौरभ सागर जी महाराज, क्षुल्लक श्री पर्व सागर जी महाराज की पावन उपस्थिति में मानव सेवा तीर्थ पुष्पगिरी से अयोध्या मे होने वाले भव्य राममंदिर निर्माण हेतु मशहूर जैन संत समाधिस्थ आचार्यश्री तरुणसागरजी की समाधि की मिट्टी से भरा कलश संतों के आशीर्वाद के साथ प्राप्त किया। मुनि सौरभसागर जी और पर्वसागर जी ने विश्व हिन्दू परिषद मालवा प्रान्त के अध्यक्ष सहित 7 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल को सौंपकर समाधि भूमि का मिट्टी कलश अयोध्या के लिए भेजा।
श्री पर्वसागरजी ने कहा कि पूज्य गुरुदेव श्री तरुण सागरजी की भी हार्दिक इच्छा थी की अयोध्या मे भव्य राम मंदिर बने। इसी भावना से मैं अपना फर्ज अदा करते हुए उनके समाधि स्थल (जहाँ जहां उनका अस्थि कलश स्थापित है) उन स्थान की मिट्टी उनके पुष्प स्वरुप राममंदिर कमेटी के निवेदन पर भेजकर मे भावनात्मक रूप से सम्मिलित हो रहा हूं। देश के हर एक तीर्थ कि मिट्टी बुलाई व सम्मिलित की जा रही है। पर यह मिट्टी व कलश देश का इसलिए हटके है क्योंकि राममंदिर के लिए देश के और किसी भी संत की मिट्टी सम्मिलित नहीं की जा रही है। प्रसन्नता इस बात की है कि विश्व हिन्दू परिषद के अंतराष्ट्रीय सचिव श्री दिनेश जी गोयल ने अयोध्या से अपनी भावना रखी और अपनी टीम यहाँ भेजी।
☝🏼🗣तरुणसागरम सहित तीन तीर्थों की मिट्टी भेजी गई :कड़वे प्रवचनों के लिए मशहूर रहे क्रांतिकारी राष्ट्रसंत समाधिस्थ ....🗣जैनाचार्य श्री तरुणसागरजी का समाधि स्थल तरुणसागरम तीर्थ (बसंतपुर सेतली, मुरादनगर उत्तरप्रदेश) सहित तीन तीर्थों (मानव सेवा तीर्थ पुष्पगिरी व गंग नहर मुरादनगर स्थित मंशापूर्ण महावीर जीवन आशा तीर्थ की मिट्टी भेजी पुष्पगिरी तीर्थ से अयोध्या राममंदिर हेतु।
राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट की ओर से निवेदन किया गया कि सभी धर्मों के पावन क्षेत्रों की रज (मिट्टी),पानी उस शिलान्यास स्थल पर पहुंचे। इनसे विशालकाय मंदिर का निर्माण सुंदत्तम तरीके से हो सके। इसी श्रंखला में मालवा प्रांत के अखिल भारतीय विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अपने साथियों के साथ पुष्पगिरी तीर्थ पहुंचे
जहां पर विराजमान परम पूज्य पुष्पगिरी तीर्थ प्रणेता गणाचार्य श्री पुष्पदंत सागर जी महाराज, परम पूज्य संस्कार प्रणेता ज्ञान योगी गुरुदेव सौरभ सागर जी महाराज, क्षुल्लक श्री पर्व सागर जी महाराज की पावन उपस्थिति में मानव सेवा तीर्थ पुष्पगिरी से अयोध्या मे होने वाले भव्य राममंदिर निर्माण हेतु मशहूर जैन संत समाधिस्थ आचार्यश्री तरुणसागरजी की समाधि की मिट्टी से भरा कलश संतों के आशीर्वाद के साथ प्राप्त किया। मुनि सौरभसागर जी और पर्वसागर जी ने विश्व हिन्दू परिषद मालवा प्रान्त के अध्यक्ष सहित 7 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल को सौंपकर समाधि भूमि का मिट्टी कलश अयोध्या के लिए भेजा।
श्री पर्वसागरजी ने कहा कि पूज्य गुरुदेव श्री तरुण सागरजी की भी हार्दिक इच्छा थी की अयोध्या मे भव्य राम मंदिर बने। इसी भावना से मैं अपना फर्ज अदा करते हुए उनके समाधि स्थल (जहाँ जहां उनका अस्थि कलश स्थापित है) उन स्थान की मिट्टी उनके पुष्प स्वरुप राममंदिर कमेटी के निवेदन पर भेजकर मे भावनात्मक रूप से सम्मिलित हो रहा हूं। देश के हर एक तीर्थ कि मिट्टी बुलाई व सम्मिलित की जा रही है। पर यह मिट्टी व कलश देश का इसलिए हटके है क्योंकि राममंदिर के लिए देश के और किसी भी संत की मिट्टी सम्मिलित नहीं की जा रही है। प्रसन्नता इस बात की है कि विश्व हिन्दू परिषद के अंतराष्ट्रीय सचिव श्री दिनेश जी गोयल ने अयोध्या से अपनी भावना रखी और अपनी टीम यहाँ भेजी।
☝🏼🗣तरुणसागरम सहित तीन तीर्थों की मिट्टी भेजी गई :कड़वे प्रवचनों के लिए मशहूर रहे क्रांतिकारी राष्ट्रसंत समाधिस्थ ....🗣जैनाचार्य श्री तरुणसागरजी का समाधि स्थल तरुणसागरम तीर्थ (बसंतपुर सेतली, मुरादनगर उत्तरप्रदेश) सहित तीन तीर्थों (मानव सेवा तीर्थ पुष्पगिरी व गंग नहर मुरादनगर स्थित मंशापूर्ण महावीर जीवन आशा तीर्थ की मिट्टी भेजी पुष्पगिरी तीर्थ से अयोध्या राममंदिर हेतु।
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