कृषि विभाग द्वारा खरीफ फसलों के लिए सलाह जारी
छतरपुर जिले में खरीफ वर्ष 2020-21 के दौरान कृषकों द्वारा प्रमुख रूप से उड़द, अरहर, मूंग, सोयाबीन, तिल और मंूगफली फसल के बुवाई की गई है। बीते सप्ताह में सभी विकासखण्ड में वर्षा होने के बाद फसलें सामान्य एवं बढ़वार में हैं।
उप संचालक मनोज कश्यप ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा खरीफ फसलों में पीला मोजैक रोग सहित कीट एवं खरपतवार नियंत्रण के लिए किसानों को सलाह जारी की है। बताया गया है कि अधिकांश क्षेत्रों में उड़द, मूंग और सोयाबीन की फसल पीला मोजैक रोग की चपेट में है। इसके नियंत्रण के लिए एफिडोपायरोपेन 400 मिली अथवा पाईमेट्रोजीन 120 ग्राम अथवा डिनोटेफ्युरान 80 ग्राम अथवा फ्लोनिकामिड दवा का 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ प्रभावित फसल पर छिड़काव कर सकते हैं।
धान की फसल में संकरी, चौड़ी एवं मोथा कुल के खरपतवारों के नियंत्रण के लिए फिनोक्साप्राप-पी-इथाइल 300 मिली$बेंटाजोन 800 मिली प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर रोपाई के 20 से 25 दिन पर छिड़काव करें अथवा बिसपायरीबैक सोडियम 10 एससी 100 मिली के साथ मेटसल्फ्यूरान मेथाइल$क्लोरीम्युरान इथाइल 8 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ रोपाई के 12 से 15 दिन पर छिड़काव करना चाहिए। दवा के उपयोग के समय खेत में पर्याप्त नमी भी होना जरूरी है। इसी तरह धान की फसल में तना छेदक पत्ती लपेटक एवं दीमक कीट की समस्या होने पर थायमेथोक्साम$क्लोरेंट्रानिलीप् रोल (वर्टाको) 2.5 किलो ग्राम अथवा क्लोरेंट्रानिलीप्रोल (कास्को) 4 किलो ग्राम अथवा फिप्रोनिल 0.6 जीआर 4 किलो ग्राम प्रति एकड़ की दर से 12 से 15 किलो ग्राम रेत अथवा यूरिया में मिलाकर रोपाई के 15 से 25 दिन पर खेत में पर्याप्त नमी होने पर खड़ी फसल में भुरकाव करना चाहिए।
तिल की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए फ्ल्युआजीफाप-पी-ब्युटाइल 13.4 ईसी 400 मिली अथवा प्रोपाक्व्जिाफाप 10 ईसी 250 मिली अथवा क्व्जिालोफाप पी इथाइल 10 ईसी 150 मिली प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ बुवाई के 15-20 दिन बाद फ्लैट फैन नोजल के साथ खेत में पर्याप्त नमी होने पर छिड़काव करने की सलाह दी गई है।
इसी प्रकार उड़द एवं मूंग की फसल में खरपतावार नियंत्रण के लिए इमाजेथाफर$इमाजामोक्स 40 ग्राम प्रति एकड़ अथवा फ्ल्युआजीफाप-पी-ब्युटाइल$फोमे साफेन 400 मिली प्रति एकड़ अथवा सोडियम एसीफ्लोरफेन$क्लोडिनाफाप प्रोपेरजिल 400 मिली प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ बुवाई के 15-20 दिन पर छिड़काव करना चाहिए, जबकि अरहर की फसल में संकरी एवं चौड़ी पत्ती के खरपतवार नियंत्रण के लिए इमाजेथापर 10 एसएल 300 मिली अथवा इमाजेथापर$प्रोपाक्व्जिाफाप (शाकेद) दवाई का 800 मिली प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ बुवाई के 20 से 25 दिन पर छिड़काव करना जरूरी है।
उप संचालक मनोज कश्यप ने बताया कि कृषि वैज्ञानिकों द्वारा खरीफ फसलों में पीला मोजैक रोग सहित कीट एवं खरपतवार नियंत्रण के लिए किसानों को सलाह जारी की है। बताया गया है कि अधिकांश क्षेत्रों में उड़द, मूंग और सोयाबीन की फसल पीला मोजैक रोग की चपेट में है। इसके नियंत्रण के लिए एफिडोपायरोपेन 400 मिली अथवा पाईमेट्रोजीन 120 ग्राम अथवा डिनोटेफ्युरान 80 ग्राम अथवा फ्लोनिकामिड दवा का 100 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ प्रभावित फसल पर छिड़काव कर सकते हैं।
धान की फसल में संकरी, चौड़ी एवं मोथा कुल के खरपतवारों के नियंत्रण के लिए फिनोक्साप्राप-पी-इथाइल 300 मिली$बेंटाजोन 800 मिली प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर रोपाई के 20 से 25 दिन पर छिड़काव करें अथवा बिसपायरीबैक सोडियम 10 एससी 100 मिली के साथ मेटसल्फ्यूरान मेथाइल$क्लोरीम्युरान इथाइल 8 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ रोपाई के 12 से 15 दिन पर छिड़काव करना चाहिए। दवा के उपयोग के समय खेत में पर्याप्त नमी भी होना जरूरी है। इसी तरह धान की फसल में तना छेदक पत्ती लपेटक एवं दीमक कीट की समस्या होने पर थायमेथोक्साम$क्लोरेंट्रानिलीप्
तिल की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए फ्ल्युआजीफाप-पी-ब्युटाइल 13.4 ईसी 400 मिली अथवा प्रोपाक्व्जिाफाप 10 ईसी 250 मिली अथवा क्व्जिालोफाप पी इथाइल 10 ईसी 150 मिली प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी के साथ बुवाई के 15-20 दिन बाद फ्लैट फैन नोजल के साथ खेत में पर्याप्त नमी होने पर छिड़काव करने की सलाह दी गई है।
इसी प्रकार उड़द एवं मूंग की फसल में खरपतावार नियंत्रण के लिए इमाजेथाफर$इमाजामोक्स 40 ग्राम प्रति एकड़ अथवा फ्ल्युआजीफाप-पी-ब्युटाइल$फोमे
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