नरेन्द्र मोदी जी सत्तर से शतायु हों
विश्व के सर्वमान्य नेता श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी आज विश्व पटल पर एक दैदीप्यमान नक्षत्र के रूप में चमक रहे हैं। श्री नरेंद्र मोदी जी केवल भारत के लिए एक सपूत नहीं है बल्कि अब दुनिया उनकी क़ाबलियत को समझ गई है । श्रीमान नरेंद्र मोदी जी के जीवन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गहरा प्रभाव है । डॉक्टर हेडगेवार कुलोत्पन्न प्रचारक व्यवस्था में मोदी जी ने अपना आज सर्वोच्च स्थान बना रखा है। मोदीजी एक आदर्श स्वयंसेवक राजनेता है ।नेतृत्व का गुण रग-रग में बसा है ।उनके मन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मूल भाव है। संघ का ध्येय ''वसुधैव कुटुम्बकम''का भाव जागृत करना है।
प्रकृति: पंच भूतानि, गृहा लोका: स्वरास्तया ।
दिश: कालश्च सर्वेषां सदा कुर्वन्तु मंड़्गलम् । ।
जीवनशैली में भारतीय योग,
प्राणायाम,आयुर्वेद एवं स्वाध्याय संतुलित रूप लेकर जीते हैं । उनका वनस्पति एवं जीव
प्रेम जगजाहिर हो गया है । भारत के लिये कण-कण व क्षण-क्षण उनका प्रेम है
।क्षण-क्षण समय का उपयोग करना उन्हें आता है । जिस प्रकार से जंगल का राजा सिंह
शिकार करने के पूर्व, पूर्ण तैयारी करता है,उसी प्रकार नरेंद्र मोदी जी हर विषय का
सिंहावलोकन करके आगे बढ़ते हैं । नरेंद्र मोदी जी अपनी अध्ययन शीलता, पारिवारिक
पृष्ठभूमि, परिश्रम शीलता के कारण आज हर क्षेत्र में सक्रिय रहते हैं । आप सच्चे
अर्थों में राजधर्म के लिये धर्म के दस लक्षणों पर आधारित राज्यव्यवस्था चला रहे
हैं । धर्म के दस लक्षणों के कारण ही किसी भी शासक को सर्वोच्च स्थान मिल सकता है
। वे मुख्यमंत्री के रूप में रहे हों यावे देश के प्रधानमंत्री के रूप में,हर छोटी
व्यवस्थायें वह ठीक से समझते हैं । उनके ऊपर एक पंक्ति बिलकुल ठीक बैठती है । जो
वह स्वयं गुनगुनाते हैं :
अटल चुनौती, अखिल विश्व को, भला बुरा चाहे जो मानें ।
डटे हुए हैं राष्ट्रधर्म पर विपदाओं में सीना ताने ।।
परम्परा अनुपम वीरों की,चरम साधकोंके चिर साधन ।
पीड़ित,शोषित,दुखित बांधवों के,हमको हैं कष्ट मिटाने।
प्रेमकवच, त्याग अस्त्र है,लगनधारहै अमृत वाणी ।
सभी सुखी
हों, यही स्वप्न है,मरकर भी यह सत्य बनाने ।।
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