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बक्सवाहा के जंगल बचाने होगा राष्ट्रीय कोर कमेटी का गठन

 बक्स्वाहा के समृद्धि जंगल बचाने बक्स्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता व सामाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर ने बताया कि पर्यावरण बचाओ अभियान द्वारा 12 जून को देशभर के पर्यावरण प्रेमियों की गूगल मीट की गयी। गूगल मीट में पर्यावरणविद, वैज्ञानिक, सामाजिक चिंतक, लेखक सहित पर्यावरण प्रेमी  नामी-गिरामी हस्तियों ने भाग लिया। तथा सबने बक्स्वाहा के समृद्ध जंगलों को बचाने की प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करते बक्स्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन की राष्ट्रीय स्तर पर कोर कमेटी गठित करने की बात कही। अमित भटनागर ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय कोर कमेटी के साथ ही प्रदेश, बुंदेलखंड, जिला व ग्राम स्तरीय कोर कमेटियों के गठित का भी निर्णय लिया गया है। जल्दी इसमें देशभर के कई सेवानिवृत्त आई एस, आई पी एस प्रशासनिक सेवा अधिकारी भी शामिल होंगे, प्रबुद्ध सामाजिक कार्यकर्ताओं पर्यावरण प्रेमियों को जोड़कर आगामी रणनीति व दिशा निर्देश जारी किये जायेगे। गूगल मीट मे दिल्ली से महामहिम राष्ट्रपति महोदय द्वारा दो बार के पुरस्कार विजेता भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व सहायक महानिर्देशक डॉ सदाचारी सिंह तोमर, सतना से भारतीय किसान यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर चंद त्रिपाठी, भोपाल से पर्यावरण बचाओ अभियान के संस्थापक शरद सिंह कुमरे, पद्मश्री बाबूलाल दाहिया, छतरपुर से आंदोलनकारी समजिककार्यकर्ता

अमित भटनागर, किसान क्रांति के दिलीप शर्मा, बक्स्वाहा के संकल्प जैन, उमरिया से राजकुमार विद्यार्थी, ज्योति वर्मा, परमजीत सिंह, डॉ शुभम शैय्याम, अमित शर्मा, आफताब आलम हाशमी सहित

कृषि वैज्ञानिक, पर्यावरणविद, सामाजिक चिंतक, लेखक आदि पर्यावरण पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि पर्यावरण और जंगल के विनाश के साथ जीवन का भी विनाश अवश्यंभावी है।इसलिए पैसो के लिए जनजीवन को खतरे मे डालने वाली बक्स्वाहा हीरा परियोजना जैसे काम की मंजूरी नही दी जानी चाहिए। फिर भी यदि सरकार नही मानती तो मजबूर होकर जनांदोलन के लिए हम तैयार हैं। साथ ही सभी  ने देश भर के हरियाली समर्थको से साथ देने की विनम्र अपील की ।


मीडिया सेल

बक्स्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन


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