दो दिवसीय आदिवासी लोकोत्सव व प्रकृति चिंतन सफलतापूर्वक संपन्न शैलचित्रों को विश्व धरोहर घोषित कराने और जंगल को बचाने किया उपवास व चिंतन
बिजवार,छतरपुर//दो दिवसीय आदिवासी लोकोत्सव व प्रकृति चिंतन कार्यक्रम शैलचित्रों के तत्काल संरक्षण व विश्व धरोहर घोषित कराने व बकस्वाहा और केन बेतवा लिंक प्रभावित जंगल को बचाने हेतु उपवास व चिंतन के साथ सफलता पूर्वक सम्पन्न हो गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन हथनी टोर पर जुड़े लगभग एक सैकड़ा आदिवासी समाज व पर्यावरण प्रेमियों ने उपवास के दौरान प्रकृति पूरक जीवनशैली, वनोपज आधारित रोजगार, प्रकृति के विनाश को रोकने की व संगठन बनाने पर चर्चा व आगामी रणनीति बनाई। उसके बाद कार्यक्रम के आयोजक बक्स्वाहा जंगल बचाओ आंदोलन, पर्यावरण बचाओ अभियान व आदिवासी समाज द्वारा आयोजन की सफलता हेतु सभी का आभार व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि विश्व आदिवासी दिवस व अगस्त क्रंति के उपलक्ष्य में बिजावर तहसील के देवरा ग्राम के पास हथनी टोर पर आयोजित दो दिवसीय आदिवासी लोकत्सव व प्रकृति चिंतन कार्यक्रम के पहले दिवस आदिवासी लोकोत्सव में लगभग दो सैकड़ा से ज्यादा गांव से हजारों आदिवासी समाज व देश के कई राज्यों के पर्यावरणविद सहभागी हुए थे। सभी ने एक जुट होकर बकस्वाहा और केन बेतवा लिंक प्रभावित जंगल सहित अपने जंगलों को बचाने व छतरपुर जिले में उपस्थित पाषाणकालीन शैलचित्रों को विश्व धरोहर घोषित करने की मांग उठाई थी। उपवास व प्रकृति चिंतन कार्यक्रम में आयोजन के मार्गदर्शक अमित भटनागर, शरद कुमरे के साथ दिल्ली से आये अंतर्राष्टीय वेट लिफ्टिंग खिलाड़ी बलजीत, चंदन यादव बिहार, सुनीता कलमे धार, वीनू बघेल इंदौर, आयुष रावत धार, बहादुर आदिवासी कुपिया, खरगा गौंड सुरई, पप्पू आदिवासी किशनगढ़, किशन दयाल आदिवासी हथनाई, रामप्रसाद कोंदर अमरपुरा, देवेन्द्र आदिवासी कसार, सुंदर आदिवासी अमरपुरा, नोने लाल कोंदर, बबलू आदिवासी हिम्मतपुरा, अखिलेश आदिवासी कसार, दुलीचन्द आदिवासी कुपिया, सिब्बन आदिवासी बिला, परमलाल आदिवासी वसुधा सहित एक सैकड़ा लोग सहभागी हुए।
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