श्री गणेश स्तुति से उठा अंतर्राष्ट्रीय रामलीला का पर्दा, श्रीराम के जयकारों से गूंजी पर्यटन नगरी - पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास व ओरछा के राजा राम की लीला समिति के सहयोग से हो रहा मंचन
- 6 से 15 अक्टूबर तक होगा रामलीला का मंचन, कई विशिष्ट अतिथि होंगे शामिल
टीकमगढ़- अंतरराष्ट्रीय धार्मिक और पर्यटन नगरी ओरछा में पहली बार बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय रामलीला का आयोजन प्रारंभ हुआ! रामलीला का पर्दा भगवान श्री गणेश की स्तुति से उठा! कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति में दर्शकों का मन मोह लिया! श्री गणेश स्तुति के बाद जैसे ही भगवान श्री राम के अयोध्या से ओरछा आने की लीला का मंचन किया गया, पूरा परिसर जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा! बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय रामलीला का शुभारंभ मध्य प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने किया! इस मौके पर निवाड़ी विधायक अनिल जैन, पंडित गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्र, समिति के चेयरमैन सत्य भूषण जैन एवं वेद प्रकाश टंडन सहित दर्शक मौजूद रहे! कोरोना गाइडलाइन के चलते परिसर में केवल 200 दर्शकों के बैठने की व्यवस्था की गई! इसके अलावा सेटेलाइट के माध्यम से करीब डेढ़ सौ देशों में अंतरराष्ट्रीय रामलीला का सीधा प्रसारण दिखाया गया
6 से 15 अक्टूबर तक रामलीला का मंचन ओरछा में पवित्र बेतवा नदी के ऐतिहासिक कंचना घाट पर हो रहा है। हर दिन रात 7 से 10 बजे तक रामलीला का प्रदर्शन किया जाएगा। आयोजन समिति के चैयरमेन सत्यभूषण जैन एवं वेदप्रकाश टंडन ने बताया कि
कंचना घाट पर ऐतिहासिक महलों की पृष्ठभूमि में होने वाली वर्चुअल रामलीला को ऐतिहासिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। रामलीला का मंचन विश्व स्तर पर देखा जा सकेगा। आयोजन समिति का उद्देश्य ओरछा में विराजमान राजा राम की प्रतिष्ठा को विश्व स्तर पर स्थापित करना है। ताकि बुंदेलखंड की अयोध्या कही जाने वाली ओरछा नगरी की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत को अंतर्रास्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित किया जा सके। अंतर्राष्ट्रीय रामलीला के पहले दिन गणेश पूजन के साथ शुरूआत हुई! पहले दिन की लीला में भगवान श्रीराम की अयोध्या से ओरछा आगमन की कथा का मंचन किया गया! साथ ही शंकर पार्वती संवाद, नारद मोह और रावण तपस्या की लीला का प्रदर्शन किया गया!
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श्रीराम जन्म की लीला का मंचन आज
अंतर्राष्ट्रीय रामलीला के दूसरे दिन 7 अक्टूबर को श्रीराम जन्म, विश्वामित्र तप भंग और ताडक़ा सुबाहु वध की लीला का मंचन होगा। 8 अक्टूबर को अहिल्या उद्धार, सीता स्वयंवर, धनुष यज्ञ, लक्ष्मण परशुराम संवाद, 9 अक्टूबर को मंथरा कैकई संवाद, दशरथ कैकई संवाद, श्रीराम वनवास, 10 अक्टूबर को श्रीराम केवट मिलन, दशरथ मरण और चित्रकूट में भरत मिलाप की कथा का मंचन किया जाएगा।
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समापन पर होगा भव्य समारोह
रामलीला में 11 अक्टूबर को जटायु उद्धार, शबरी मिलन, 12 अक्टूबर को श्रीराम सुग्रीव मित्रता, लंका दहन, 13 अक्टूबर को अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति, 14 अक्टूबर को कुंभकर्ण, मेघनाथ और अहिरावण वध की लीला का मंचन होगा। इसके बाद अंतिम दिन 15 अक्टूबर को दशहरा महोत्सव, पुतला दहन और भव्य आतिशबाजी का नजारा देखने को मिलेगा। इसके साथ ही श्रीराम और भरत का मिलाप और भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक की लीला का मंचन होगा।
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