धनुष टूटते ही गूंजा जय श्री राम का जय घोष, सीता स्वयंवर की गवाह बनी ओरछा नगरी
पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास व ओरछा के राजा राम की लीला समिति के सहयोग से हो रहा अद्भुत मंचन
-रामलीला से ओरछा में बढ़ रहा पर्यटन, लाइव प्रसारण देख कर खिंचे चले आए राजाराम की नगरी में
टीकमगढ़। आध्यात्मिक और धार्मिक नगरी ओरछा में चल रही अंतर्राष्ट्रीय रामलीला के तीसरे दिन शुक्रवार को ऐतिहासिक कंचना घाट पर बने रामलीला मंच पर अहिल्या उद्धार, सीता स्वयंवर, धनुष यज्ञ और लक्ष्मण परशुराम संवाद की अद्भुत लीला का मंचन किया गया। रामलीला कलाकारों के मनमोहक अभिनय को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। शुक्रवार को मनोहर लाल कोरी, राज्यमंत्री श्रम एवं सेवा नियोजन उत्तर प्रदेश व झांसी सदर विधायक रवि शर्मा और उनकी पत्नी श्रीमती सुनीता शर्मा ने दीप प्रज्वलन किया। इस मौके पर ओरछा के राजाराम की लीला समिति के चेयरमैन सत्य भूषण जैन, अध्यक्ष वेद प्रकाश टंडन, संयोजक अमित राय मौजूद रहे। मंच संचालन श्रीमती प्रमिला मिश्रा ने किया।
शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय रामलीला के तीसरे दिन रामलीला में दिखाया गया कि जब राम लक्ष्मण गुरु विश्वामित्र के साथ मिथिला के राजा जनक के यहां धनुष यज्ञ में शामिल होने जा रहे थे तो उन्हें रास्ते में एक आश्रम मिला। जहां एक विशाल पत्थर का टुकड़ा पड़ा था। राम ने जब गुरु विश्वामित्र से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि यह गौतम ऋषि का आश्रम है। यह जो पत्थर देख रहे हो उनकी पत्नी अहिल्या है जो श्रापवश पत्थर हो गई है। तब राम ने अहिल्या को तारना चाहा किंतु सूर्य वंश में स्त्री को पैर से छूना मना था। राम की यह दुविधा देख पवन देव ने अपने झोकों से प्रभु के चरणों की धूल पत्थर पर डाल दी। चरण रज पाते ही पत्थर नारी हो गई। अहिल्या के प्रगट होते ही वहां ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर सहित अनेक देव गण पहुंच गए और भगवान राम का जयघोष करने लगे। रामलीला कलाकारों का अभिनय देख कर कंचना घाट पर लीला देख रहे श्रद्धालु भावविभोर हो गए। कार्यक्रम मेंदिलीप चौरसिया प्रयागराज, संत कुमार त्रिपाठी गोंडा, राजेश वर्मा, डॉ. वंदना टंडन, विनोद बब्बर, त्र्यंबक सिंह, सहित बडी संख्या में दर्शक मौजूद रहे ।
सीता स्वयंवर
रामलीला में सीता स्वयंवर का मंचन किया गया। सीता स्वंयवर में अनेक देशों के राजा शामिल हुए, लेकिन कोई शिव धनुष को हिला तक नहीं सका। अंत में प्रभु श्री राम ने जैसे ही शिव धनुष को उठाकर उसकी प्रत्यंचा चढाई तो देखते ही धनुष टूट गया। इसके बाद सीता और श्री राम का विवाह हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं के जयकारों से पूरा पंडाल गूंज उठा।राम सीता विवाह की लीला का अद्भुत मंचन देख कर दर्शकों के चेहरे खिल उठे।
लक्ष्मण-परशुराम संवाद
श्री राम सीता स्वयंवर की लीला के बाद लक्ष्मण परशुराम संवाद लीला का मंचन किया गया इसमें दिखाया गया कि धनुष टूटते ही मंच पर भगवान परशुराम का आगमन होता है और वह क्रोधित होकर धनुष किसके द्वारा तोड़ा गया पूछते हैं। इसके बाद लक्ष्मण व परशुराम के क्रोध भरे संवाद सुनकर दर्शकों की स्थिति भी विचित्र बन गई। जिसके बाद प्रभु राम भगवान परशुराम को मनाते हैं और अपने रूप के दर्शन कराते हैं। जिसके बाद भगवान परशुराम को ज्ञात होता है कि धरती पर स्वयं नारायण ने जन्म लिया है और उनका गुस्सा शांत हो जाता है।
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दुबई, लंदन और यूएसए सहित कई देशों से मिले बधाई संदेश
ओरछा में चल रही अंतर्राष्ट्रीय रामलीला का प्रसारण विश्व के 142 से ज्यादा देशों में चल रहा है। ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्र ने बताया की घर पर बैठे रामलीला का लाइव प्रसारण देख रहे देश विदेश के कई दर्शकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया भेजी हैं। उन्होंने बताया की लंदन से विजय गोयल, अमेरिका से चंद्रकांत शुक्ला, यूएस से डॉक्टर सुधीर प्रकाश, दुबई से गिरीश पंत, लंदन से हैरी, लॉस एंजेलिस से करनैल सिंह, नवरत्न अग्रवाल, यूएसए से सचिन त्रिपाठी, चंद्रकांत पटेल सहित विदेशों में रह रहे कई भारतीय मूल के दर्शकों ने अपने बधाई संदेश भेजें हैं। ओरछा में रामलीला का मंचन देखने कई राज्यों के दर्शक भी रामराजा की नगरी ओरछा आएं हैं।
श्री राम वन गमन की लीला आज
आध्यात्मिक नगरी ओरछा में चल रही अंतर्राष्ट्रीय रामलीला में शनिवार 9 अक्टूबर को कैकई मंथरा संवाद, महाराजा दशरथ और कैकई संवाद के साथ ही भगवान श्री राम के वन गमन की लीला का मंचन किया जाएगा! इसके बाद 10 अक्टूबर को श्री राम और निषादराज केवट का मिलन, दशरथ मरण और पवित्र चित्रकूट धाम में श्री राम और भरत के मिलन की अद्भुत लीला का मंचन होगा! रामलीला में उमढती भीड़ इसकी लोकप्रियता का लगाया जा सकता है।
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