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गांव-गांव में लोक नीति की अलख जगा रहा जन विकास संगठन

 छतरपुर// जन विकास संगठन के कार्यकर्ता, समाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर के नेतृत्व में छतरपुर जिले में ग्राम स्वराज की संभावना तलासने हेतु लगभग 2 माह से गांव गांव में यात्रा, जन सभा, नुक्कड़ सभा आदि माध्यमों से लोकनीति की अलख जगाने का प्रयास कर रहे है।

सामाजिक कार्यकर्ता अमित भटनागर का कहना है कि हम आजादी का अमृत महोत्सव बना रहे हैं, हमें आजाद हुए 75 साल हो गए ऐसे समय में हम कहां हैं हमने क्या पाया है क्या खोया है इस पर सोचना समझना और आगे की दिशा तय करना तो बनता ही है। अमित भटनागर ने कहा कि तकनीकी के आधार पर सुविधओं के आधार पर हमने खूब उन्नति की है, ऐसी हर उन्नति झूठी व खोखली है, जिसमे आदमी की नैतिक ऊँचाई न बढ़े, यही कारण है कि गरीब और गरीब हो रहे है, अमीर और अमीर हो रहे हैं, गरीबी और अमीरी के बीच की खाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, देश में करोड़पतियों की संख्या बढ़ी है, पर गरीबी और भुखमरी भी बढ़ रही है। हमारे जीवन का आधार पर्यावरण का शोषण बढ़ा है, हमारे जल श्रोत्र नदियां, तालाब, कुएं बाबड़ी न केवल प्रदूषित हुये है अपितु तेजी से नष्ट हो रहे है, भूमिगत जल स्तर तेजी से घट रहा है।

देश की आत्मा कहे जाने वाले गांवों की स्थिति दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है, क्या युवा और बुजुर्ग बच्चों तक मे नशे-जुए की लत बढ़ रही है, जिसे देखो वही पलायन कर रहा है, सरकारी कर्मचारियों की मनमानी और लूट पर कोई रोक टोक नहीं है, जाति-धर्म आधारित नफरत बढ़ रही है, गांव गंदगी बुराइयों के ढेर बनते जा रहे है।गांवों की स्थिति दिन-प्रतिदिन बाद से बदतर होती जा रही है। जो खाद किसान घर मे बना लेता था आज खाद के लिए मंडियों में लंबी लबी लाईन लगा रहा है, प्रदर्शन कर रहा और पुलिस की लाठियां खा रहा है। भगतराम तिवारी, बब्लू कुशवाहा  ने बताया कि जन विकास संगठन ने पिछले 2 माह में विभिन्न माध्यमों से जिले की 4 तहसीलों राजनगर, छतरपुर, बिजावर, बड़ामलहरा के लगभग एक सैकड़ा गांवों का किया है। अमित भटनागर का कहना है कि केन्दित व्यवस्था के कारण हमारा देश के नागरिकों का आत्मविश्वास घटा है और देश ने समस्याओं का अंबार बढ़ता जा रहा है, जिसका हल विकेंद्रीकरण है, जन विकास संगठन द्वारा जल्द ही विकेंद्रीकरण आधारित मॉडल के प्रयोग की घोषणा की जाएगी। बहादुर आदिवासी व परमलाल यादव ने बताया कि एक दो दिन के अंदर ही इन गांवों के जागरूक लोग व जन विकास संगठन के कार्यकर्ताओं की बैठक है जिसमें जल्द ही कुछ गांवों में राजनीति के विकल्प के रूप में लोकनीति के माध्यम से ग्राम स्वराज का मॉडल खड़ा किया जाएगा। अमित भटनागर का कहना है कि बिना गाँव बचाये ना तो अपना घर बचेगा न देश, ग्राम स्वराज्य घर-गाँव और देश बचाने का रास्ता है। 





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