राज्यपाल ने सीएससी खजुराहो का अवलोकन कर स्वास्थ्य गतिविधियों की जानकारी ली सिकल सेल रोग के परीक्षण के लिए सघन अभियान चलाएं: राज्यपाल पाए जाने वाले रोगियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा दें
प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने खजुराहो प्रवास के दौरान रविवार को सीएससी केन्द्र खजुराहो का अवलोकन कर स्वास्थ्य गतिविधियों की जानकारी ली। अवलोकन के क्रम में स्वास्थ्य केन्द्र के विभिन्न कक्षों तथा आयुष चिकित्सा केन्द्र का भी अवलोकन करते हुए संबंधित स्टाफ से की जा रही स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों की जानकारी ली। इस अवसर पर कलेक्टर छतरपुर श्री संदीप जी आर, सीएमएचओ एवं अन्य चिकित्सकगण उपस्थित रहे।
राज्यपाल ने सिकल सेल रोग के परीक्षण के लिए सघन कैम्प आयोजित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सिकल सेल की सर्वे जांच में जिस परिवार में रोगी पाए जायें तो उस परिवार के पूरे सदस्यों की जांच चिकित्सक खुद जाकर करें। उन्होंने बताया कि जनजातीय बाहूल्य क्षेत्रों में इस रोग के पाए जाने का प्रतिशत सर्वाधिक है। जिले के ऐसे क्षेत्रों में फोकस करते हुए जांच अभियान संचालित करें। उन्होंने बताया कि सिकल सेल नियंत्रण के लिए प्रदेश में संवेदनशील प्रयास शुरू हुये है उन्होने कहा कि सर्वेक्षण में जनजाति परिवार कि वस्ती के कोई भी सदस्य नही छूटे। कलेक्टर ने बताया कि जिले में जनजातीय बाहुल्य परिवारों की आबादी लगभग 75 हजार है।
राज्यपाल ने 10-19 आयु वर्ग की किशोरियों के लिये संचालित उमंग स्वास्थ्य केन्द्र के अवलोकन के बाद आरकेएसके काउंसलर से चर्चा की काउंसलर ने किशोरियों की परेशानी के संबंध में होने वाले परिवर्तन और दिये जाने वाले परामर्श की जानकारी दी। इस कार्य में ग्राम स्तर पर साथिया संगठन से जुड़ी बच्चियां किशोरियों से चर्चा करती हैं और उन्हें परामर्श देती है। जरूरत अनुसार उन्हें चिकित्सकों की मदद दिलाई जाती है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए किये जा रहे अच्छे कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि किशोर-किशोरियों पर ध्यान देने के लिए संचालित प्रोग्राम सार्थक है। इस कार्य में साथिया द्वारा की जा रही सामाजिक सेवा भी तारीफे काबिल है।
चिकित्सालय के अवलोकन के बाद चिकित्सकों से की गई चर्चा में उपचार के लिए आ रहे रोगी और दाखिल होने पर किए जाने वाले कार्य की जानकारी ली गई। प्रीमेच्योर बच्चें की स्थिति पर किये जा रहे उपचार की जानकारी ली। चिकित्सकों ने बताया कि आशा कार्यकर्ता प्रेग्नेंसी महिलाओं की जानकारी लेकर कुपोषण के संबंध में महिलाओं को परामर्श देती हैं। कुपोषित पाये जाने वाले बच्चों को राजनगर स्वास्थ्य केन्द्र भेजकर ऑब्जर्वेशन में रखकर डेली वजन लिया जाता है। श्रमिक महिला होने की स्थिति में ऐसी माताओं एक माह की मजदूरी नियमानुसार दी जाती है। टी.बी. के मरीज आने पर जरूरत अनुसार स्पूटम टेस्ट कराये जाते हैं।
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