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राष्ट्रीय विद्वत सम्मेलन में कुण्डलपुर में जुटे देशभर के जैन मनीषी

 विद्वानों ने कहा भारतीय संस्कृति को आचार्यश्री ने अपनी साधना के बल पर गौरवान्वित किया है

 

दया धर्म का मूल : आचार्य श्री विद्यासागर जी मुनिराज

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 कुण्डलपुर (दमोह)/-  यहां पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के विशाल ससंघ सान्निध्य में चल रहे महामहोत्सव के दूसरे चरण में महामस्तकाभिषेक में हजारों भक्तों का जनसैलाव उमड़ रहा है , वही अनेक राष्ट्रीय आयोजन की श्रृंखला चल रही है , उसी क्रम में 26 - 27 फरवरी को आयोजित राष्ट्रीय विद्वत सम्मेलन में पूरे देश से जैन मनीषी विद्वान सम्मिलित हो रहे हैं । जनपद ललितपुर सहित देश के कोने कोने से बड़ी संख्या में जैन विद्वान कुण्डलपुर पहुँचे हुए हैं ।

      राष्ट्रीय विद्वत सम्मेलन में कुंडलपुर कार्यक्रम स्थल से डॉ. सुनील जैन संचय, ललितपुर कार्यकारिणी सदस्य- अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्रि परिषद एवं अखिलभरतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत परिषद (रजि.) ने जानकारी देते हुए बताया कि आचार्यश्री के सान्निध्य में विद्वानों के विशेष सत्र आयोजित हुए  जिसमें आचार्यश्री का मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ साथ ही विद्वानों ने अनेक जिज्ञासाएं रखीं तथा कुंडलपुर समिति की ओर से   विद्वानों को बड़े बाबा के महामस्तकाभिषेक का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ। विद्वानों ने नव निर्मित सबसे बड़े जैन मंदिर का दर्शन और अवलोकन कर इसे अद्वितीय कृति बताया।

       इस अवसर पर विद्वानों ने अपने वक्तव्य में कहा कि 

परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज न केवल श्रमण संस्कृति के  दैदीप्यमान नक्षत्र हैं , बल्कि पूरी भारतीय संस्कृति को उन्होंने अपनी साधना के बल पर गौरवान्वित किया है। आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के उत्कृष्ट तप और त्याग की खुशबू कुण्डलपुर में फलीभूत हो रही है। 

राष्ट्रीय विद्वत सम्मेलन में ललितपुर जनपद से  अखिलभारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्रि परिषद के महामंत्री एवं नवागढ़ के निर्देशक ब्र. जयकुमार जैन निशांत,  कार्यकारणी  सदस्य डॉ. सुनील जैन संचय ललितपुर, पं मुकेश शास्त्री ललितपुर , संजीव शास्त्री महरौनी, डॉ अमित जैन भोरदा, डां राजेश शास्त्री ललितपुर , डॉ.पंकज जैन ललित ,प्राचार्य विनीत शास्त्री (कैलगुवा) साढूमल , नीलम सराफ ललितपुर, आलोक जैन  शास्त्री (केंद्रीय विद्यालय), 

सोमचंद्र शास्त्री मैनवार, विकास शास्त्री ललितपुर, 

पंडित आलोक शास्त्री ललितपुर,आनंद शास्त्री बार,

वीरेन्द्र शास्त्री  ललितपुर, वीरेन्द्र शास्त्री ललितपुर वाले झांसी, पंडित शीतल चंद्र जैन ललितपुर

पंडित ऋषभ कुमार जैन आदि विद्वान कुंडलपुर के उक्त राष्ट्रीय विद्वत सम्मेलन में कुंडलपुर में सम्मिलित हुए हैं।

इस अवसर पर आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने विद्वानों और पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दया धर्म का मूल है, इसे आप भूलिए नहीं। उन्होंने हाइकू बोलते हुए कहा कि - " रोटी न मांगो, रोटी बनाना सीखो, खिलाके खाओ" इस पर पूरा सदन जयकारों से गूंज उठा। आचार्यश्री  ने आगे कहा कि अध्ययनशील बनें। आर्त रौद्र ध्यान की पहचान कर पहले कर लें तो धर्मध्यान का उदय होगा। पत्रकारों को अपना कर्तव्य जिम्मेदारी से निभाना चाहिए। बतातें चलें कुंडलपुर में अभी बड़े बाबा आदिनाथ भगवान का महमस्तकाभिषेक चल रहा है जिसमें देशभर से हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन शामिल हो रहे हैं जो लगभग एक माह तक चलेगा। बड़े बाबा आदिनाथ भगवान का महामस्तकाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की  लंबी कतार लगी हुई हैं।




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 राजेश जैन रागी (पत्रकार) 

बकस्वाहा

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