राजस्व विभाग अतिक्रमण के प्रकरणों पर गंभीर रहेःकलेक्टर पटवारियों की साप्ताहिक बैठक लें
पारित आदेशों का अमल दरामद नहीं करने पर होगी कार्यवाही
रिकॉर्ड शुद्धिकरण पखवाड़ा अंतर्गत शेष कार्य जल्द पूर्ण करें
वसूली के लिए कुर्की की कार्यवाही की जाए
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कलेक्टर श्री संदीप जी आर की अध्यक्षता में राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसमें जिले में नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन के प्रकरणों की समीक्षा करने पर पाया गया कि कई प्रकरणों ऐसे है जो काफी समय से लंबित है। कलेक्टर के द्वारा निर्देशित किया गया कि अगर समयावधि में प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया जाता है तो संबंधित के विरूद्ध शासकीय अधिरोपण की कार्यवाही की जाएगी। जब तक नामांतरण एवं बंटवारे के आदेश का अभिलेखों में अमल नहीं किया जाता है तब तक प्रकरणों का दाखिल अभिलेखागार न किया जाए। नामांकरण के प्रकरणों के उपरान्त नामांतरण आदेश की प्रविष्टि अभिलेख में हो जाने के उपरांत एवं बंटवारा आदेश हो जाने के उपरांत खसरा एवं नक्शे की प्रति प्रकरण में योजित करने के बाद ही प्रकरण को लेखागार में भेजा जाए। समस्त राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि 15 दिवस के भीतर इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें कि उनके द्वारा पारित किसी भी आदेश का अमल दरामद किया जाना शेष नहीं है। यदि किसी पटवारी के द्वारा पारित आदेश का अमल दरामत नहीं किया जाता है तो उसके विरूद्ध कार्यवाही की जाये।
कलेक्टर द्वारा समीक्षा के दौरान निर्देशित किया गया कि प्रत्येक सप्ताह पटवारियों की एक बैठक की जाए और उनके द्वारा उन समस्त आदेशों का अभिलेखों का अमल दरामद उसी दिन तहसील में किया जाए जो सप्ताह मंे निराकृत किए गये हैं। आदेश पारित होने के उपरांत जिसके पक्ष में आदेश परित हुआ है उसे अमल दरामद के लिये भटकना न पड़े।
तहसीलों में डब्ल्यूबीएन मांग एवं वसूली की कार्यवाही और दस्तावेजीकरण अभिलेखीकरण के रिकॉर्ड संधारित करते हुए इस संस्था को मजबूत बनाया जाए, सुदृढ़ एवं सक्षम बनाया जाए। ताकि मांग एवं वसूली की सत्य जानकारी प्राप्त हो सके रिकॉर्ड शुद्धिकरण पखवाड़ा अंतर्गत अभी भी जिले में लगभग 90 प्रतिशत काम पूर्ण हुआ है। जिन तहसीलों में कार्य शेष है आगामी बैठक के पूर्व इस कार्य को कर लिया जाए। किसी भी स्थिति में कोई प्रकरण एक वर्ष से अधिक अवधि का पाए जाने पर संबंधित पीठासीन अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर के द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना, धारणाधिकार आदि की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि 31 मार्च वित्तीय वर्ष की समाप्ति का समय बहुत नजदीकि है ऐसी स्थिति में वसूली किये जाने हेतु कुर्की की कार्यवाही की जाए।
समीक्षा में बिजावर का कार्य सबसे बेहतर पाया गया। जिसके लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसीलदार की कलेक्टर द्वारा प्रशंसा की गई।
लोकलेखा समीति व सीएम हेल्पलाइन के संबंध में समीक्षा करने पर निर्देशित किया गया कि यह लोकलेखा समीति के जितने भी प्रकरण है उनमें तत्काल पालन प्रतिवेेदन प्रस्तुत किया जाए। कलेक्टर ने कहा कि भू-अर्जन की शिकायतें राजनगर में लंबित है। जिसमें निराकरण के लिए प्रति एक शिकायतकर्ता से बात करें, चर्चा करें एवं संतुष्ट करें और यदि प्रशासन स्तर से कार्यवाही नही हो सकती है तो संबंधित को मध्यस्थता में जाने की सलाह दें।
समस्त अनुविभागीय अधिकारी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों को निर्देशित किया गया है कि राजस्व विभाग अतिक्रमण के प्रकरणों में अत्याधिक गंभीर रहे। किसी भी स्थिति में शासकीय भूमि की संरक्षा एवं सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। अतिक्रमण के प्रकरणों में कारगर कार्यवाही करते हुए वेदखली की कार्यवाही की जाए और अतिक्रामकों के विरूद्ध अभियोजन की कार्यवाही करते हुए अपराधिक प्रकरण भी दर्ज करायें। जिससे शासन की भूमि की सुरक्षा हो सके। बैठक में प्रभारी एडीएम श्री डी.पी. द्विवेदी एवं राजस्व अनुविभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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