शिक्षा का महत्वपूर्ण उद्देश्य है कैसे आत्मनिर्भर बनें: प्रभारी मंत्री MCB विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति एवं विश्वपटल पर हिंदी के बढ़ते कदम की तीन दिवसीय संगोष्ठी संपन्न देशभर के नामचीन विशेषज्ञों ने सार्थक मंथन किया
प्रदेश के सूक्ष्म लद्यु मध्यम उद्यम एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा के मुख्य आतिथ्य में महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय छतरपुर में नई शिक्षा नीति एवं विश्वपटल पर हिंदी के बढ़ते कदम पर तीन दिवसीय संगोष्ठी रविवार को संपन्न हुई। इस संगोष्ठी में देशभर के नामचीन विशेषज्ञों ने सहभागिता निभाते हुए विषय पर सार्थक मंथन किया। प्रतिभागियों को प्रभारी मंत्री श्री सखलेचा सहित मंचासीन अतिथियों द्वारा विश्वविद्यालय का प्रतीक चिन्ह और प्रमाण पत्र प्रदाय किए गए। यह संगोष्ठी केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय एवं हिंदी अध्ययन शाला के तत्वावधान में आजादी के अमृत महोत्सव में आयोजित की गई। इस अवसर पर पूर्व मंत्री श्रीमती ललिता यादव, विधायक द्वय श्री प्रदुम्न सिंह, श्री राजेश प्रजापति, विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. टी.आर. थापक, कुलसचिव डॉ जे.पी. मिश्रा, विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद् के श्री विवेक चतुर्वेदी, डॉ नसीम मोहम्मद सहा. निदेशक हिंदी निदेशालय दिल्ली एवं विश्वविद्यालय परिवार के प्रोफेसर सहित छात्र भी उपस्थित रहे। संगोष्ठी के समापन सत्र का संचालन डॉ बहादुर सिंह परमार ने किया।
इस अवसर पर प्रभारी मंत्री श्री सखलेचा ने कहा कि शिक्षा का महत्वपूर्ण उद्देश्य है कि कैसे आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने जरूरतमंद एवं बेरोजगारों को नौकरी पाने वाला नहीं नौकरी देने वाला बनाने की दिशा में संवेदनशील प्रयास करते हुए सीएम उद्यम क्रांति योजना शुरू की है। इस योजना में प्रदेश के निवासी 12वीं पास युवक-युवतियों को बिना गारंटी के और बैंक के पास जाए बिना राज्य सरकार की गारंटी पर 1 लाख से 50 लाख रुपए का ऋण और अनुदान भी मुहैया कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अपनी भाषा पर हमें गर्व होना चाहिए। भाषा व्यक्ति के भाव का एक्सप्रेस करने का आसान और सबसे अच्छा तरीका है। जापान, फ्रांस और चीन जैसे देशों ने भाषा पर फोकस करके ही समृद्धशील तरक्की की है। म.प्र. की नई शिक्षा नीति में विदेशी भाषा को भी सिखाने का काम शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि जीवन जीने की कला दुनियां ने भारतीय शास्त्रों से सीखी है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बच्चों का दिमाग कैसे परिवर्तित किया जा सकता है। उनमें कैसे आत्मविश्वास जागृत किया जा सकता है। इस विषय पर सार्थक चर्चा हो।
पूर्व मंत्री श्रीमती ललिता यादव ने कहा कि बच्चों में छोटी उम्र से ही हिंदी सिखाई जानी चाहिए। विधायक श्री प्रदुम्न सिंह लोधी ने हिंदी भाषा की उन्नति के लिए सहभागी प्रयास पर जोर दिया। विधायक श्री राजेश प्रजापति ने कहा कि हिंदी भाषा को देश के अहिंदी भाषा क्षेत्रों में प्रचार प्रसार करना चाहिए। कुलगुरु प्रो. थापक ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों से परिचित कराते हुए मांगों के संबंध में राज्य स्तर से पहल कराने हेतु प्रभारी मंत्री से निवेदन किया। स्वागत भाषण कुलसचिव डॉ जे.पी. मिश्रा ने दिया।
संगोष्ठी में ये विषय विशेषज्ञ उपस्थित रहे
इस संगोष्ठी में मुबंई विश्वविद्यालय के आचार्य दत्तात्रेय मुरूमकर, जम्मू के डॉ सुनील कुमार सलैड़ा, डॉ जयंतकर शर्मा उड़ीसा, डॉ रीता सिन्हा, डॉ श्रीनिवास त्यागी एवं डॉ हेमंत कुकरेती नई दिल्ली, डॉ पवन अग्रवाल लखनऊ, डॉ आनंद प्रकाश त्रिपाठी, डॉ शरद सिंह, डॉ सरोज गुप्ता सागर, डॉ के.सी. जैन टीकमगढ़, डॉ प्रमोद पाठक छतरपुर द्वारा शिक्षा नीति पर व्याख्यान देते हुए मातृ भाषा से संबंधित पाठ्यक्रमों पर चर्चा की गई। इस सत्र का संचालन डॉ आदित्य विक्रम सिंह ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ पुष्पा ने माना। राष्ट्रगान से कार्यक्रम का समापन हुआ।
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