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प्रभु राम के प्राकट्य के साथ अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव ऋषिकेश का हुआ भव्य भक्तिमय शुभारंभ

 नई दिल्ली! मंगलवार 27 सितंबर को सायं प्रभु राम के प्राकट्य के साथ अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव का भव्य भक्तिमय शुभारंभ हुआ।

    

उत्तराखंड के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत के कर कमलों से लीला मंचन की शुरुआत हुई। शुभारंभ समारोह में महामंडलेश्वर स्वामी जी, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद सरस्वती जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी, राम लीला समिति के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश टंडन, पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्र, स्वामी शंकर्षणाचार्य जी, श्री पुष्पेंद्र नाथ पाठक, श्री पी. एल. तंतुवाय विधायक हटा दमोह, आदि महानुभाव उपस्थित रहे। लीला कथा स्वरूप हो रही है जिसमें बीच बीच में कथा व्यास और राष्ट्र मंदिर विश्व रामायण आश्रम दिल्ली के श्री अजय भाई जी की भक्तिमय, मधुरमय वाणी,  लीला में  भक्ति की अविश्वसनीय और अविस्मरणीय मिश्री घोल रही है। उल्लेखनीय है कि इस अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल राम लीला महोत्सव के आयोजन में पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास सतना (मध्यप्रदेश) का अनुपम सहयोग शामिल है।

       समिति के अध्यक्ष डॉ.  वेद प्रकाश टण्डन जी ने बताया कि बाल युवा  योजना के तहत देश के 5 राज्यों के विभिन्न स्कूलों वंदना इंटरनेशनल स्कूल द्वारका दिल्ली, कमल मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल मोहन गार्डन दिल्ली, गुरुग्राम ग्लोबल स्कूल गुरुग्राम, एस डी पब्लिक स्कूल, मदर टेरेसा स्कूल ग़ाज़ियाबाद एवं स्वामी नारायण स्कूल जूनागढ़ के बच्चे इस लीला का मंचन कर रहे हैं। टंडन जी ने आगे बताया कि हम अपने बच्चों को धर्म और संस्कार पर आधारित शिक्षा देंगे तो वह जीवन में प्रतिपल सफलता हासिल करेंगे। हम इसी दिशा में अपने राष्ट्र के नव निर्माण के तहत इस लीला महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं।


प्रथम दिन की लीला की शुरुआत गणेश वंदना और पूजन के  बाद कथाव्यास श्री अजय भाई जी के मुखारविंद से हनुमान चालीसा की मधुर और भक्ति पूर्ण चौपाईयों से हुई। पंक्तियां रही राम जी से राम राम कहियो जी हनुमानजी, जय हनुमान ज्ञान गुण सागर। इस दौरान लीला का पंडाल भक्ति के भावों से अपलक आप्लावित हो गया। इसके बाद अनादि देव शंकर पार्वती संवाद द्वारा प्रभु राम के प्राकट्य के महत्व को भक्तों के समक्ष उजागर किया गया। जिसमें बताया गया कि दुष्टों के संहार के लिये जन समूह की प्रार्थना पर प्रभु राम का जन्म हुआ। मनु और शतरूपा ने ही दशरथ एवं कौशल्या स्वरूप प्रभु राम को जन्म दिया। कथा व्यास अजय भाई जी की भक्तिमय मधुर वाणी ने समूचे मंचन के दौरान भक्ति की अविस्मरणीय धारा प्रवाहित करती रही। 


कल की लीला में ताड़का-सुबाहु वध, अहिल्या उद्धार, गंगावतरण एवं पुष्प वाटिका का भक्तिमय मंचन होगा।

इस महोत्सव में लीला का मंचन इतना जीवंत और भक्तिमय हो रहा है कि टीवी में बैठे करोड़ों भक्त लोगों को भी प्रभु राम के आदर्श अध्यात्म की अनुपम महिमा का प्रत्यक्ष दर्शन स्वतः होने लगा होगा। श्री राम जन्म की अवध में बधाई और जनकपुरी में भगवती सीता का प्राकट्य ने भक्तों को भाव विभोर कर दिया।

            कथा व्यास अजय भाई जी के अनुसार हमारे देश में बेटा और बेटियों में किसी प्रकार का कोई फर्क नहीं करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भगवान राम के जन्म के बाद यानी राम नवमी के ठीक एक महीने बाद सीता का जन्मदिन अर्थात सीता नवमी मनाई जाती है। यह देश की बेटियों के लिये बेटों के जैसा ही प्रेम का सूचक है। उन्होंने आगे कहा कि अब हमारी मोदी सरकार इस दिवस को ही महिला दिवस के रूप में और चर्चित करने के लिये पूर्णतः प्रतिबद्ध है।

आज के लीला मंचन का सार यह रहा कि जहां प्रेम है वहां प्रभु का जन्म स्वतः ही हो जाता है। अजय भाई जी ने बताया कि एक बार एक छोटे बालक को हनुमानजी के दर्शन हुए। तब उस बालक ने अपनी तोतली भाषा में उनसे भगवान राम का दर्शन कराने का मनुहार किया। तब हनुमानजी ने उस नन्हे से बालक से कहा कि तुम राष्ट्र की सेवा करना शुरू कर दो तुम्हें भगवान स्वमेय मिल जाएंगे। अजय जी के अनुसार यही बालक कालांतर में हिंदू राष्ट्र संकल्पना के प्रखर राजा महान छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु समर्थ रामदास हुए। सार यही है कि राष्ट्र भक्ति सबसे सर्वोपरि है।

पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास के अध्यक्ष डॉ. राकेश मिश्र ने बताया कि वर्चुअल लीला महोत्सव का साधना, साधना गोल्ड, संत वाणी व सर्व धर्म चैनलों पर सीधा प्रसारण हो रहा है।

लीला समिति के अध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश टंडन जी के अनुसार देशभर में होने वाली असंख्य रामलीलाएं हमारी अनंत श्रद्धा की प्रतीक हैं। जो हर क्षेत्र के कलाकारों की प्रतिभा निखारती हैं। इसी कड़ी में इस बार हिमालय की गोद ऋषिकेश में मां गंगा के पवित्र तट पर परमार्थ निकेतन आश्रम में एक ऐसा अनुपम प्रयोग होने जा रहा है जिसके दूरगामी प्रभाव देश की युवा पीढ़ी पर पड़ेंगे। गंगा तट पर स्थित विशाल परमार्थ निकेतन आश्रम देश की धार्मिक सांस्कृतिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र है जो पूज्य स्वामी चिदानंद के नेतृत्व में पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति की अलख जगा रहा है। रामलीला आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रख्यात शिक्षाविद डॉ. वेद प्रकाश टंडन जी  अपनी सामाजिक सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं। उनके नेतृत्व में कमजोर वर्ग के छात्रों के उत्थान के लिए अनेक प्रकल्पों पर कार्य हो रहा है। प्रखर राष्ट्रवादी राम भक्त डॉ. वेद प्रकाश टंडन एवं उनकी पत्नी श्रीमती डॉ. वंदना टंडन जी मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी के आचरण को देश की युवा पीढ़ी के मन मस्तिष्क में रोपित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।


पं. गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा रामलीला महोत्सव ऋषिकेश को विश्व भर में फैले रामभक्तों तक रामलीला पंहुचाने का बीड़ा उठाया हुआ है।


सब हेड

डॉ. वंदना टंडन जी के नेतृत्व में कमल माडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल दिल्ली के बाल कलाकारों के प्रस्तुती करण से शुरू हुआ भव्य मंचन


उत्तराखंड के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत के कर कमलों से हुआ शुभारंभ


पॉइंटर


शुभारंभ समारोह में महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी जी, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ने दी अपनी गरिमामय उपस्थिति


अंतर्राष्ट्रीय रामलीला  महोत्सव का साधना, साधना गोल्ड में हो रहा सीधा प्रसारण:विश्व भर में देखी जा रही  कथा स्वरूप यह रामलीला -डॉ. वेद प्रकाश टंडन






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