भारत के सभी प्राचीन मंदिरों में पूजा पाठ होना अति आवश्यक है :- मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज |
खजुराहो/आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम ज्ञानी शिष्य जो ना सिर्फ जैन धर्म के लिए प्रवचन करते है बल्कि मुनि श्री के ज्ञान उद्बोधन में सनातन धर्म के उत्थान एवं राष्ट्रीय सामाजिक समस्याओ पर बौद्धिक चिंतन आज़ कल शोसल नेटवर्क पर सम्पूर्ण विश्व द्वारा देखा जा रहा है | आध्यत्मिक संत- प्रिय पंडित सुधीर शर्मा जी से विशेष चर्चा में भारतीय पुरातत्व के विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों में दर्शन एवं प्रार्थना पर लगे प्रतिबंधों के बारे में मुनि श्री जी ने बताया की सभी पुरातत्व मंदिरों में पूजा पाठ ना होने के कारण आध्यत्मिक शक्ति कम हो रही है इस ऊर्जा को बचाने के लिए जल्द ही प्रयास होने चाहिए इसमें अहम् भूमिका जन मानस की होना बहुत ही जरूरी है | मुनि श्री जी ने बताया की मंदिरों में हवन पूजन, शुद्ध घी के दीपक जला कर समूचे क्षेत्र के पर्यावरण में अनुकूल ऊर्जा का प्रवाह होता है | मुनि श्री ने खजुराहो के मंदिरों के बारे में बताया की यहां के मंदिरों में विशेष रूप से भगवान मतँगेश्वर मंदिर में अविषेक एवं शांति नाथ मंदिर में शांति जल धारा करने से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है| मुनि श्री ने चतुर मास के व्यक्तिगत अनुभवों के बारे में बताते हुए कहा की हमारे मुनि संघ के संतों के स्वास्थ्य की परेशानीयां भी खजुराहो की पॉजिटिव ऊर्जा की वजह से समाप्त हो गईं | तथा बुंदेलखंड की प्रकृति में विद्यमान आयुर्वेदिक सम्पदा एवं जड़ी वूटियों के बारे में प्रकाश डाला |
विदित हो आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज एवं पंडित देव प्रभाकर शास्त्री जी द्वारा निर्देशित संकल्प मंदिरों में दर्शन न कि प्रदर्शन मिशन के लिए श्री शर्मा निरंतर कार्यरत हैं |इस दौरान पत्रकार विनोद भारती रविन्द्र पाठक,वीरेंद्र सिगोत विजय रजक दिनेश दुवैदी मौजूद थे।
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