भगवान श्री रजनीश (ओशो )का जन्म दिवस आज उनके अनुयायीओं एवं प्रेमियों द्वारा खजुराहो बस स्टैण्ड के समीप ओशो पुस्तकालय में मनाया गया|
ओशो पुस्तकालय का शुभारम्भ आज के ही दिन किया गया जिसमे ओशो के द्वारा लिखी गई हिंदी, अंग्रेजी, भाषाओं की पुस्तके उपलब्ध रहेंगी | ओशो भक्त एवं संत सेवक पंडित श्री सुधीर शर्मा ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आचार्य श्री का जन्म मध्य प्रदेश में रायसेन जिले के कूचवाडा ग्राम के दिगम्बर जैन परिवार में हुआ था | सात वर्ष की उम्र तक ओशो अपनी नानी के साथ रहे| उनकी नानी ने उन्हें सम्पूर्ण स्वतंत्रता, उन्मुक्तता तथा रूडी वादी शिक्षाओं से दूर रखा | अपने नाना के निधन के पश्चात् वे ग़डरवाला ( सागर ) अपने माता पिता के साथ रहने चले गए | किशोरवस्था में वे आजाद हिन्द फ़ौज ओर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में भी छडिक कार्य के लिए सम्मलित हुए थे | उन्होंने दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर के रूप में कई शैक्षिक संस्थाओं में कार्य किया | खजुराहो के मंदिरों से उनकी आध्यात्मिक यात्रा एवं आत्म बोध के साथ इंलाइटमेंट का आभास हुआ | आज भी उनके जीवन के आध्यात्मिक यात्रा के साथी एवं प्रमुख अनुयायी स्वामी प्रेम चेतन्य, स्वामी गंगा, माँ प्रेम विमला, ओशो पिरामिड मैडिटेशन सेंटर खजुराहो में चला रहे हैं | ओशो के जन्म दिवस कार्यक्रम में वैधराज माखन जी, संदीप सोनी, गणेश भाई, ओंकार सिंह परमार (राज ) आदि उपस्थित रहे |
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