यह बजट मध्यम वर्ग और महिलाओं को सक्षम करने वाला अमृतकाल का सर्वस्पर्शी बजट है- प्रहलाद सिंह पटेल
बजट के बाद प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि मोदी सरकार का यह बजट सर्वसमावेशी, जन-कल्याणकारी, राष्ट्र के संपूर्ण विकास का बजट है। इस बजट में मध्यम वर्ग, महिलाओं, युवाओं, किसानों और हर वर्ग का विशेष ध्यान रखा गया है। इस बजट ने मध्यम वर्ग के लोगों की आँखों में नई उम्मीद जगाई है। इस साल प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक होकर 1.97 लाख दर्ज की गई है।
सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 81 लाख स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर असाधारण कामयाबी हासिल की है। दो साल की अवधि के लिए महिलाओँ को नई लघु बचत योजना, महिला सम्मान बचत प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें महिलाओं और बालिकाओं के नाम पर दो वर्षोँ की अवधि के लिए 7.5 फीसदी की दर पर दो लाख रूपए तक की जमा राशि मिलेगी।
बजट में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी पीएलआई स्कीम में करीब 500 करोड़ रूपए का इजाफा किया गया है। यह 1022 करोड़ से बढ़ाकर 1530 करोड़ रूपए किया गया है। logistics को मजबूत करने के लिए 75 हजार करोड़ रूपए का निवेश होगा, जिससे खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और भारत मोटे अनाज का ग्लोबल हब बनेगा। कृषि स्टार्ट अप को बढ़ावा देने के लिए एक एग्रीकल्चर एक्सीलरेटर फंड बनाया जाएगा। कृषि कर्ज को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपए किया गया है।
बजट में राज्यों को उनके 'एक जिला एक उत्पाद', जीआई उत्पादों और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों के प्रचार और बिक्री के लिए अन्य सभी राज्यों के ऐसे उत्पादों के लिए जगह उपलब्ध कराने के लिए राज्यों की राजधानी में यूनिटी मॉल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करने वाला है। वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम-प्रणाम योजना की शुरूआत की जाएगी। बजट में गोबरधन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्रों की स्थापना का प्रस्ताव है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयासों के बाद आज पूरा विश्व मोटे अनाज का महत्व समझ रहा है। भविष्य में भारत मिलेट्स के लिए वैश्विक हब बनेगा। इसका सर्वाधिक लाभ भारत के छोटे किसानों को होगा। अब इस 'सुपर फूड' को 'श्री अन्न' के नाम से एक नई पहचान दी गई है। 'श्री अन्न' से हमारे छोटे किसानों और किसानी करने वाले आदिवासी भाई-बहनों को आर्थिक संबल मिलेगा।
अगले तीन सालों में केंद्र सरकार द्वारा 38,800 अध्यापकों को 740 एकलव्य स्कूलों के लिए भर्ती किया जाएगा, जिससे साढ़े तीन लाख आदिवासी छात्र लाभांवित होंगे।
कर्नाटक के सूखा मध्य क्षेत्र में सिचांई सुविधा मुहैया कराने के लिए भद्रा योजना को 5,300 करोड़ सहायता दी जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजना के लिए अधिकतम जमा सीमा को 15 लाख रुपए से बढ़ाकर 30 लाख रुपए कर दिया गया है।
बजट में आम व्यक्ति का ध्यान रखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सधारकों को बड़ी राहत देते हुए 7 लाख रुपये तक की आमदनी पर अब कोई टैक्स नहीं लेने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार ने रेलवे के लिए कुल 2.4 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह 2013-14 बजट से करीब 9 गुना ज्यादा है. 2013 में रेलवे के लिए करीब 63,363 करोड़ रुपये के बाजट का प्रावधान किया गया था. यह रेलवे के लिए अब तक का सबसे अधिक पूंजी परिव्यय है।
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