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सुमति अकैडमी में वैल्यू एजुकेशन पर छात्रों से हुआ संवाद जीवन में सुविधाएं आवश्यक तो है पर पर्याप्त नहीं : लखनलाल असाटी

 छतरपुर,शहर के प्रतिष्ठित सुमति एकेडमी स्कूल में आनंद विभाग के जिला संपर्क व्यक्ति लखनलाल असाटी ने छात्रों के साथ यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यू पर संवाद किया, इस दौरान छात्र एवं शिक्षक उपस्थित रहे प्राचार्य सुनील मिश्रा ने श्री असाटी का स्वागत किया अंत में चेयरमैन सोमिल अग्रवाल ने छात्र की बनाई पेंटिंग भेंट कर कृतज्ञता ज्ञापित की,

मास्टर ट्रेनर लखनलाल असाटी ने छात्रों से उनके जीवन का उद्देश्य जानने का प्रयास किया और इससे स्पष्ट भी किया कि कहीं छात्रों ने रास्ते को ही तो मंजिल नहीं समझ लिया है, उसके बाद मैं और शरीर के सहअस्तित्व पर संवाद हुआ, दोनों की अलग-अलग आवश्यकताओं और क्रियाओं पर भी छात्रों का ध्यान आकृष्ट कराया गया, मैं और शरीर की आवश्यकता अलग अलग होने के बावजूद कहीं हमारा प्रयास दूसरी दिशा में तो नहीं है, जीवन में सेल्फ के लिए कितना काम हो रहा है और बॉडी के लिए कितना काम हो रहा है इस ओर भी ध्यान दिलाया गया, सुविधाएं जीवन में आवश्यक हो सकती हैं पर पर्याप्त नहीं, सुविधाओं के साथ-साथ मानव के लिए दूसरे मानव से संबंधों का निर्वाह अधिक महत्वपूर्ण है, इस ओर भी छात्रों का ध्यान गया, समझना सीखना शिक्षा कौशल और संस्कार पर भी बातचीत की गई जीवन मूल्यों पर भी बहुत छोटे-छोटे और सरल उदाहरणों के माध्यम से स्पष्टता बनी, छात्रों का ध्यान इस ओर भी गया कि उनका खुद का मूल्य उनकी स्कूल और परिवार में सही-सही भागीदारी है, शिक्षकों एवं छात्रों ने इस सेशन को उपयोगी निरूपित करते हुए भविष्य में भी इस तरह के आयोजन कराए जाने पर सहमति दी, श्री असाटी ने कहा कि उन्होंने सारी बातें प्रस्ताव के रूप में कहीं हैं जिनको मानने के पहले खुद में जांच परख की आवश्यकता है, छात्रों का ध्यान उन्होंने इस तरफ भी दिलाया कि शरीर पहचानना और निर्वाह करना तक सीमित है जबकि मैं का रिस्पांस जानना मानना पहचानना और निर्वाह करना चारों हैं




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