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अल्पविराम से कार्य स्थल पर संबंध सुधारने में मिलेगी मदद

 अल्पविराम से कार्य स्थल पर संबंध सुधारने में मिलेगी मदद

ससुराल में बेटी जैसा प्यार पाकर बढ़ जाता है आनंद
छतरपुर। कलेक्टर संदीप जीआर के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग के साथ मंगलवार को एक दिन का अल्पविराम कार्यक्रम संपन्न कराया गया। आनंद विभाग की जिला नोडल अधिकारी एवं जिला पंचायत सीईओ तपस्या परिहार के मार्गदर्शन में जिला संपर्क व्यक्ति लखन लाल असाटी द्वारा मास्टर ट्रेनर श्रीमती आशा असाटी, रामकृपाल यादव एवं शिवनारायण पटेल के साथ   होटल लॉ कैपिटॉल में अल्पविराम कार्यक्रम संपन्न हुआ।
प्रतिभागियों ने अपने जीवन के आनंद को बताया। पूनम तिवारी ने कहा कि मेरे लिए, मेरे मां-बाप की खुशी ही आनंद है। आस्था जोशी ने कहा कि नौकरी की शुरुआत में एक जरूरतमंद को पूरे माह की सैलरी देना उन्हें आज भी आनंदित करता है। मनीषा कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने अपने अस्पताल परिसर में पौधे लगाए और फूल खिलने पर उन्हें अपार आनंद आया। डॉ. अमित ने कहा कि मेरी मां अब इस संसार में नहीं है पर उनके जाने के बाद मेरा डॉक्टर बनना और मेरी बेटी होना दोनों मुझे अपनी मां से जोड़ते हैं। दीप्ती जैन ने कहा कि परिवार के साथ रहकर आनंद की अनुभूति होती है। बीपीएम राजेन्द्र खरे ने दीप प्रज्ज्वलन कर सत्य की शुरुआत करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण अनुशासन से ऊपर है। खुद ठीक रहेंगे तो सब कुछ ठीक हो जाएगा। डॉ. शरद चौरसिया ने प्रशिक्षण सत्र का समापन करते हुए इसे उपयोगी बताया। सीएचओ दीपिका ने कहा कि अल्पविराम से उन्हें अपने कार्यस्थल पर सभी से संबंध सुधारने में मदद मिलेगी और अब वह अच्छे बुरे के चक्कर में नहीं पड़ेंगी। उर्मिला प्रजापति ने कहा कि अल्पविराम ने उन्हें यह सिखा दिया है कि गलती स्वीकार करने और क्षमा मांगने में अब उन्हें कोई संकोच नहीं होगा। डॉ. आस्था ने कहा कि वह अल्पविराम के माध्यम से समृद्धि और संपन्नता का भेद समझ पाई हैं। कार्यक्रम में आरती अहिरवार, अजय मिश्रा, आशीष गुप्ता, अमित मिश्रा, आशीष कुमार पाण्डेय, मनीषा अहिरवार, पूजा यादव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। सभी ने इस कार्यक्रम को उनके अपने जीवन का कार्यक्रम बताया।




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