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छतरपुर का गृहस्थ त्यागकर बनी साध्वी विश्वशांताश्री का विरागोदय तीर्थ मे हुआ समाधिमरण महोत्सव

 पथरिया / - यहां के विरागोदय तीर्थ की पुण्यधरा पर परम पूज्य भारत गौरव राष्ट्रसंत गणचार्य श्री विराग सागर जी महामुनिराज के कुशल निर्यापकाचार्यत्व तथा 56 पिच्छी के मंगलमयी सानिध्य में पूज्यगणाचार्य  की सुशिष्यापूज्य श्रमणी आर्यिका 105 श्री विश्वशांता श्री माताजी का पूज्य गणाचार्य के श्री मुख से पंच नमस्कार मंत्र एवम् आत्मसंबोधन सुनते हुये दिनांक 07/03/23

समय प्रातः 6.16 बजे

निर्विघ्न रूप से समाधिमरण सम्पन्न हुआ ।

      ज्ञातव्य है कि 91 वर्षीय माताजी की क्षुल्लिका दीक्षा पूज्य गणाचार्य श्री के पावन कर कमलों से 16 मार्च 2015 को श्रेयांशगिरी  में संपन्न हुई थी तथा दीक्षा उपरांत 9 वर्ष तक रत्नत्रय के तेला अष्टमी चतुर्दशी उपवास मौन साधना इत्यादि विशेष त्याग तपस्या करते हुए 12 वर्षीय सलेंखना व्रत भी पूज्य गुरुदेव से श्री सम्मेद शिखर जी (2018) में ग्रहण किया। दिनांक 06/03/23 को माताजी की गंभीर स्थिति देखते हुए  पूज्य गणाचर्य गुरुदेव ने इन्हे आर्यिका दीक्षा प्रदान कर यम सलेंखना व्रत के साथ चतुर्विध आहार का त्याग करवाया। दिनांक 07/03/23 को माताजी ने गुरुमुख से नवकार मंत्र श्रवण करते हुए नश्वर देह को त्याग दिया। 

        संक्षिप्त जीवन परिचय 

      गृहस्थ नाम  श्रीमति शांति देवी जैन जन्म  छतरपुर (मप्र)

ग्रहस्थ जीवन के पति श्री अच्छेलाल जैन डेवडिया, 

प्रतिमाव्रत 7 प्रतिमा पूज्य गणाचार्या गुरुदेव से

क्षुल्लिका दीक्षा 16 मार्च,2015 (श्रेयांशगिरि) पन्ना,

आर्यिका दीक्षा 6 मार्च 2023 श्री विरागोदाय तीर्थक्षेत्र पथरिया,

समाधि  7 मार्च 2023 श्री विरागोदय तीर्थ पथरिया

निर्यापकाचार्य परम पूज्य राष्ट्रसंत भारत गौरव गणाचर्या श्री 108 विराग सागर जी महामुनिराज ससंघ 56 पिच्छी के मंगल सानिध्य में सम्पन्न हुई।

पूज्य माता जी की विशेष रुचि अध्ययन,जाप,तीर्थवंदना की सदैव रही है।


🙏 राजेश रागी वरिष्ठ पत्रकार बकस्वाहा



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