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पुरानी पेंशन पर कोई विचार नहीं कर रही सरकार विधायक आलोक चतुर्वेदी के प्रश्न पर विधानसभा में वित्त मंत्री का जवाब

 छतरपुर। मप्र में 2005 के बाद शासकीय सेवा में नियुक्त सेवकों के द्वारा लंबे समय से पुरानी पेंशन की बहाली के लिए आंदोलन चलाया जा रहा है लेकिन मप्र की सरकार कर्मचारियों की इस मांग पर कोई विचार नहीं कर रही है। ओपीएस लागू किए जाने के लिए चली आ रही कर्मचारियों की इस लड़ाई पर सरकार ने दो टूक जवाब दिया है कि इस संबंध में सरकारी स्तर पर कोई प्रक्रिया विचाराधीन नहीं है।

एक मार्च को छतरपुर के कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी ने प्रदेश के ऐसे सभी सरकारी कर्मचारियेंा की ओर से विधानसभा में आवाज उठाई थी जिस पर वित्त मंत्री ने यह जवाब दिया है। विधायक आलोक चतुर्वेदी ने विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से प्रश्न क्रमांक 503 के अंतर्गत जानकारी चाही थी कि क्या जनवरी 2005 के पश्चात नियुक्त शासकीय सेवकों को पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत लाने हेतु शासन स्तर पर विचार किया जा रहा है? इस प्रश्न के जवाब में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि जनवरी 2005 के पश्चात नियुक्त शासकीय सेवकों को पुरानी पेंशन योजना अंतर्गत लाने हेतु वर्तमान में कोई कार्यवाही विचाराधीन नहीं है।
छत्तीसगढ़, राजस्थान और पंजाब में लागू हो चुकी है पुरानी योजना
उल्लेखनीय है कि मप्र में सरकारी कर्मचारी लगातार पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग करते आ रहे हैं। यही मांग देश के छत्तीसगढ़, राजस्थान और पंजाब में भी उठाई गई थी। इन राज्यों की सरकारों ने इस योजना को मंजूरी दे दी है लेकिन मप्र सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है।
छतरपुर में नहीं हुआ साईकिलों का वितरण
छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी ने विधानसभा में स्कूल शिक्षा मंत्री से प्रश्न क्रमांक 182 के अंतर्गत शासकीय स्कूलों में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को साईकिल वितरण की योजना से जुड़ी जानकारी मांगी गई। इस पर भी जो जवाब मिला वह छतरपुर के लिए दुखद है। छतरपुर जिले में इस सत्र में साईकिल वितरण के लिए 8036 विद्यार्थी चयनित हुए जिन्हें इसी सत्र में साईकिल प्रदान की जानी थी लेकिन सत्र समाप्ति की ओर है लेकिन सरकार अब तक विद्यार्थियों को साईकिलों का वितरण नहीं कर पायी है।


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