पं.गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा 21वीं स्वास्थ्य परिचर्चा 6 मई को विश्व के सुप्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य एवं नाड़ी वैद्य लक्ष्मण दास रतन भारद्वाज जी करेंगे वार्ता:
सतना 29 अप्रैल। पं.गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा 21वीं स्वास्थ्य परिचर्चा 6 मई शनिवार को ऑनलाइन आयोजित की गई है।
देश के सुप्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य लक्ष्मण दास रतन भारद्वाज जी वर्चुअल जुड़कर “आयुर्वेद द्वारा घरेलू उपायों से उपचार” विषय पर प्रश्नोत्तर कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे।
सेवा न्यास के अध्यक्ष डॉ राकेश मिश्र जी ने बताया है कि दिनांक : 06 मई दिन : शनिवार , समय: सायं 6:00 बजे पं.गणेश प्रसाद मिश्र सेवा न्यास द्वारा इक्कीसवीं स्वास्थ्य परिचर्चा आयुर्वेद द्वारा घरेलू उपायों से उपचार पर आयोजित करने जा रहा है। नाड़ी वैद्य लक्ष्मण दास भारद्वाज इक्कीसवीं स्वास्थ्य परिचर्चा के लिए हमारे बीच में वर्चुअल उपलब्ध रहेंगे ।
*“आयुर्वेद द्वारा घरेलू उपायों से उपचार”:बाबाजी *
बाबाजी के नाम से विख्यात 1927 में हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में जन्मे 96 साल के पंडित लक्ष्मण दास रतन भारद्वाज होंगे, जिन्हें गुरुजी के नाम से भी जाना जाता है।
वैद्य जी पिछले सात दशकों से नाड़ी परीक्षण, एक्यूप्रेशर, सूर्य किरण चिकित्सा और प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से अब तक लाखों असाध्य मरीजों को नया जीवनदान दे चुके हैं। प्राचीन नाड़ी विद्या को जानने वाले वैद्य भारत में अब विरले ही बचे हैं।
पिछले 54 वर्षों से गुरुजी ने अन्न का त्याग कर रखा है।वह केवल दोपहर में छाछ व रात्रि में दूध का सेवन करते हैं।
गायत्री सिद्ध श्री गुरुजी ने अपने जीवन के कई वर्ष जंगलों में बिताए और 10000 से भी ज्यादा औषधियों का अमूल्य ज्ञान प्राप्त किया।
गुरुजी का कहना है आयुर्वेद ही एकमात्र ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसके माध्यम से हम जड़ से रोगों को खत्म कर सकते हैं।
पंडित लक्ष्मण दास रतन भारद्वाज गुरुजी की एक पुस्तक स्वस्थ- विचार स्वस्थ- तन स्वस्थ-मन स्वस्थ-जीवन जिसके 9 वॉल्यूम हैं।
इसमें घरेलू उपायों के माध्यम से इलाज के उपाय सुझाए गए हैं। आपका एक टीवी चैनल है जो संस्कृति 24x7 आयुर्वेद के नाम से चलता है।
जिसके माध्यम से रोग विशेष की पूर्ण जानकारी लक्षण और उपचार दर्शकों तक पहुंचाए जा रहे हैं।
सेवा न्यास के अध्यक्ष डॉ राकेश मिश्र ने कहा है कि ग्रुप में व मेरे व्यक्तिगत नंबर पर लगातार आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खों से उपचार के लिए योग्य वैद्य का अनुरोध किया जा रहा था। तीन वर्ष पूर्व मेरी मुलाकात आदरणीय लक्ष्मण दास भारद्वाज जी से है। उनके घरेलू नुस्ख़ों ने हमें बहुत प्रभावित किया और स्वयं दवाओं की निर्माण प्रक्रिया देखी।
यह ग़ैर व्यावसायिक है और लोक कल्याणार्थ है तथा भारतीय ज्ञान विज्ञान को लुप्त होने से बचाने के लिये है।हमारे बुंदेलखंड क्षेत्र के अनेक लोग बाबाजी की गोलियाँ व नाक की दवाई लेकर परिजनों को बहुत लाभ पंहुचा रहे हैं।
आप सभी से अनुरोध है कि माइक्रोसॉफ़्ट टीम एप के माध्यम से 06 मई, शनिवार सायं 6 बजे
www.gpmsevanyas.org अवश्य जुड़िये ।
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