खुशी की चाबी मेरे अपने पास,फॉरगिव एंड फॉरगेट से बढ़ेगी हैप्पीनेस : एसपी अमित सांघी
खुशी की चाबी मेरे अपने पास,फॉरगिव एंड फॉरगेट से बढ़ेगी हैप्पीनेस : एसपी अमित सांघी
छतरपुर,राज्य आनंद संस्थान द्वारा पुलिस लाइन में आयोजित एक दिवसीय अल्पविराम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने कहा कि आपके हैप्पीनेस की चाबी आपके पास है उसे अपने नियंत्रण में रखिए, फॉरगिव एंड फॉरगेट से आपकी हैप्पीनेस बढ़ेगी, 'भूलो और माफ करो" पर अमल करने से जिंदगी में सकारात्मकता बढ़ेगी, नहीं भूलोगे तो बदला लेने के लिए नकारात्मक विचारों के साथ मौके का इंतजार करने में जिंदगी निकल जाएगी,आनंद विभाग के जिला संपर्क व्यक्ति लखनलाल असाटी के साथ मास्टर ट्रेनर श्रीमती आशा असाटी, आनंदम सहयोगी रामकृपाल यादव, शिवनारायण पटेल एवं नीलम पांडे द्वारा विभिन्न टूल, गीत, वीडियो फिल्म के माध्यम से हैप्पीनेस पर चर्चा की गई,पुलिस विभाग के 50 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों ने अल्पविराम प्रशिक्षण परिचय कार्यक्रम में भागीदारी की, एडिशनल एसपी विक्रम सिंह जिला अभियोजन अधिकारी केके गौतम विशेष रूप से उपस्थित थे
पुलिस अधीक्षक ने दिए 3 प्रश्न
एसपी अमित सांघी ने प्रतिभागियों से तीन प्रश्नों पर जवाब देने को कहा जिंदगी में उन्हें सबसे अच्छा कब लगा, जिंदगी में उन्हें सबसे खराब कब लगा,भविष्य में ऐसा क्या हो जब उन्हें और अच्छा लगेगा, एसपी ने कहा कि खुशी हमारी मन:स्थिति है, मुझे याद है नौकरी के दौरान कई बार मैंने 2 या 3 घंटे विश्राम करके 4- 5 दिनों तक लगातार काम किया, मन:स्थिति ठीक हो तो बॉडी तो टफ होती ही है
सुविधा की जगह संबंधों पर अधिक निर्भर है खुशी
प्रतिभागियों ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि उन्हें सर्वाधिक खुशी नौकरी मिलने पर अथवा परिवार के बेटा-बेटी,भाई-बहन की सफलता पर प्राप्त हुई है,विवाह और संतान प्राप्ति पर भी खुशी मिली प्रतिभागियों द्वारा यह भी बताया कि जब उनके मां-बाप का स्वास्थ्य खराब हुआ अथवा उनका निधन हुआ तब वह सर्वाधिक दुखी हुए, नौकरी में अवकाश नहीं मिलने, परिवार का बंटवारा होने, परिवार द्वारा विवाह को मान्यता नहीं देने आदि के कारण उन्हें दुख पहुंचा, प्रतिभागियों ने कहा कि भविष्य में उनकी खुशी तब और अधिक बढ़ जाएगी जब उनका बेटा बेटी किसी अच्छी नौकरी में निकल जाएंगे और वह बेदाग रूप से सेवानिवृत्त हो जाएंगे प्रतिभागियों की यह सहज स्वीकृति थी की सुविधा आवश्यक तो है परंतु सुविधाएं कितनी भी बढ़ जाएं यदि संबंध ठीक नहीं है तो हम खुश नहीं रह पाएंगे
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